फ़िल्म एक नशेबाज़ नशा मुक्तिकेंद्र के काले पक्ष को दिखाती हैं : गेब्रियल वत्स

मुंबई : युवाओं में बढ़ते नशे की प्रवृति एक बड़ी सामाजिक बुराई हैं और इसी समस्या के लिए देश में कई पुनर्वसन केंद्र ( रिहेबलिटेशन सेंटर ) और नशा मुक्ति केंद्र संचालित किये जाते हैं  बड़े पैमाने पर यह नशा मुक्ति केंद्र इस सामाजिक बुराई के खिलाफ कार्य कर रहे हैं लेकिन इन्ही नशामुक्ति केंद्र का एक कला पक्ष भी हैं फिल्म एक नशेबाज भी एक पुनर्वसन केंद्र की बुराइयों की बात करती हैं।   नशेबाज़ के फिल्म निर्माताओं ने फिल्म का पहला लुक जारी किया है। फिल्म का फर्स्ट लुक फिल्म के क्रूस को दर्शाता है। एक नशेज़बाज़ एक पुनर्वसन केंद्र के काले पक्ष को प्रकट करता है।
फिल्म में दिखाया गया है कि कैसे ड्रग्स की लत के बाद युवाओं का जीवन बिगड़ रहा है। यह एक गंभीर लेकिन समस्या के लरटी आग्रह करने वाली फिल्म है। एक नशेज़बाज़ का निर्देशन गेब्रियल वत्स द्वारा किया गया है।फिल्म में गीतांजलि शर्मा और गेब्रियल वत्स मुख्य भूमिका में नजर आयंगे  अन्य प्रमुख क़िरदारों में गोविंद नामदेव, ध्रुव देशवाल, विजय विक्रम सिंह, मनोज बख्शी और अलका अमीन हैं। फिल्म से अभिनेत्री गीतांजलि शर्मा अपने अभिनय कैरियर की शुरुवात करेंगीं। फिल्म की सह लेखक , स्क्रीनप्ले और संवाद सीमा सैनी हैं।   स्निपर एंटरटेनमेंट एलएलपी के बैनर तले, फिल्म एक नशेज़बाज़  के निर्माता नीरज शर्मा और सह निर्माता राजीव देशवाल ज्योति पंवार, सीमा सैनी और चंद्रकांत कुमार हैं फिल्म के  कार्यकारी निर्माता रवि वर्मा  हैं।

फिल्म का सह-निर्देशन सीमा सैनी ने किया है और पटकथा और संवाद भी दिए हैं। संगीत सुंजॉय बोस द्वारा दिया जाएगा, ओजिल दलाल, सीमा सैनी और विकास चौहान गीत देंगे। अजय वर्मा द्वारा संपादन और निखिल शर्मा द्वारा कोरियोग्राफी। फिल्म अक्टूबर 2021 में थियेटर से प्रदर्शित होगी ।

एक नशेबाज़ एक म्यूजिकल ड्रामा फ़िल्म है। फिल्म नूरी, रजनीश और ड्रग रिहैब सेंटर के इर्द-गिर्द घूमती है। एक छिपी हुई किताब के पन्ने तब खुले जब मनोचिकित्सक नूरी ने एक ड्रग रिहैब सेंटर के दरवाजे पर कदम रखा, जहां उसने रजनीश के जीवन को उन अंधेरी दीवारों में सांस लेने से रोक दिया, जो बदले में नूरी के जीवन का मकसद बन जाती हैं। नूरी ने रजनीश को पुनर्वसन केंद्र से मुक्त होने का संघर्ष जीता है, लेकिन अपने दिमाग से पुनर्वसन की काली यादों को दूर करने में विफल रहती है।
लेखक निर्देशक गैब्रियल वत्स ने बेहद ही चौकाने वाले विषय पुरुष गर्भावस्था पर आधारित“आई एम मिस्टर मदर” एक फिल्म बनाई थी। गेब्रियल एक साहसिक  विषय पर  आधारित  फिल्म को लाने के लिए उत्सुक रहते है है। फिल्म आई एम मिस्टर मदर को बॉलीवुड के महानायक अमिताभ बच्चन से भी सराहना मिली थी। फिल्म के पहले लुक की रिलीज़ पर, निर्देशक गेब्रियल वत्स ने कहा कि हम सभी किसी न किसी तरह के नशे के आदी हैं। नशे के कारणों को समझने की जरूरत है। यह फिल्म पुनर्वसन केंद्र ( रिहेबलिटेशन सेंटर ) के अँधेरे पक्ष को दिखाया गया है. आज के युवा अपना दर्द, दुख और संघर्ष साझा नहीं करते हैं। वे उन वेदनाओं को अपने भीतर रखते हैं। इस फिल्म का मुख्य उद्देश्य उन कारणों का पता लगाना है जो इसे जानने से पहले कुछ जीवन गायब कर रहे हैं।फिल्म एक नशेबाज़ एक म्यूजिकल फिल्म है फिल्म का म्यूजिक संजोय बोस ने कम्पोज किया हैं और गाने सीमा सैनी ,ओज़ील  दलाल , विकास चौहान ने लिखे हैं।  फिल्म में केके , नक्काश अज़ीज़ , प्रतिभा सिंह बघेल, शहीद माल्या , जून बनर्जी , अन्तरा श्याम ने गाने गाये हैं ।

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